Capital Gain Tax: मंगलवार को केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने 2024-25 का बजट पेश किया. वित्त मंत्री के भाषण तक बाजार अलर्ट मोड में था लेकिन जैसे ही उन्होंने कैपिटल गेन टैक्स को लेकर अनाउंसमेंट किया, बाजार धड़ाम से नीचे गिर गया. सेंसेक्स की गिरावट 1200 अंकों तक पहुंच गई. हालांकि बजट से बाजार का दुख दिन खत्म होते-होते दूर हो गया. भारी रिकवरी के साथ सेंसेक्स-निफ्टी में कारोबार बंद हुआ.
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बाजार को आंसुओं से रुलाने का कारण बना कैपिटल गेन टैक्स पर हुए फैसले. कैपिटल गेन टैक्स में बदलाव का शेयर बाजार और प्रॉपर्टी दोनों पर असर पड़ने जा रहा है. पहले समझिए प्रॉपर्टी के लिए क्या हुआ कैपिटल गेन टैक्स में.
प्रॉपर्टी के सौदे पर लगने वाला लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स घट गया है. निर्मला सीतारमण के एलान से 20 परसेंट वाला टैक्स घटकर 12.50 परसेंट हो गया है. किसी प्रॉपर्टी को खरीदने के 3 साल बाद बेचने पर 20 परसेंट कैपिटल गेन टैक्स लगता था. अब 12.50 परसेंट ही लगा करेगा. पेंच ये है कि प्रॉपर्टी पर टैक्स कैलकुलेशन में इंडेक्शन बेनेफिट मिलता था जिसे वित्त मंत्री ने खत्म कर दिया है. इंडेक्शन बेनेफिट में प्रॉपर्टी की नई वैल्यू महंगाई दर के हिसाब से निकाली जाती थी. प्रॉपर्टी की वैल्यू और महंगाई दर के हिसाब से नई वैल्यू के बीच के डिफरेंस पर 20 परसेंट कैपिटल गेन टैक्स लगता था.
इसे ऐसे समझिए. 50 लाख की प्रॉपर्टी 70 लाख में बेचने पर एक लाख टैक्स चुकाने के बाद पुरानी व्यवस्था में 5 लाख से थोड़े ज्यादा का शुद्ध मुनाफा होता. बजट के साथ लागू नए सिस्टम में 50 लाख की प्रॉपर्टी 70 लाख में बेचने पर 20 लाख का प्रॉफिट होगा. लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स लगेगा करीब 2.50 लाख का. प्रॉफिट का मार्जिन के साथ टैक्स का लोड और ज्यादा होगा अगर 50 लाख की प्रॉपर्टी 2 करोड़ में बिक रही होगी.
प्रॉपर्टी पर कैपिटल गेन टैक्स में क्या बदला?
50 लाख की प्रॉपर्टी 70 लाख में बेचने पर | पहले टैक्स-20% | अब टैक्स-12.5% |
| प्रॉफिट-5.18 लाख | प्रॉफिट 20 लाख |
| टैक्स-1.03 लाख | टैक्स 2.50 लाख |
| सेल वैल्यू-64.82 लाख | सेल वैल्यू-70 लाख |
मिंट की रिपोर्ट के मुताबिक प्रॉपर्टी के मामले में कैपिटल गेन टैक्स के नए इंतजाम से टैक्स का बोझ प्रॉपर्टी बेचने वाले पर बढ़ेगा. ये उन प्रॉपर्टी मालिकों को उदास करने वाला है जो प्रॉपर्टी बेचकर ज्यादा प्रॉफिट टैक्स कम देना चाहते थे. फैसले का असर रियल एस्टेट मार्केट पर नेगेटिव पड़ सकता है. बड़े प्रॉफिट मार्जिन वाले डील में हो सकता है टैक्स का बोझ ज्यादा महसूस न हो लेकिन 50 लाख की प्रॉपर्टी 70 लाख में बेचने वालों को टैक्स का नुकसान है.
बजट से शेयर बाजार निवेशकों को भी बड़ा झटका मिला है. कैपिटल गेन टैक्स के नए नियम के तहत लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन को 2.50 परसेंट से बढ़ाकर 12.50 परसेंट कर दिया है. शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स तो बढ़कर 20 परसेंट हो गया है. हालांकि एक राहत ये दी कि 1.25 लाख रुपये कैपिटल गेन पर कोई टैक्स नहीं देना होगा. अब तक एक लाख के कैपिटल गेन पर कोई टैक्स नहीं देना होता था. वित्त मंत्री ने ये वाला फैसला भी लोअर इनकम और मिडिल क्लास वाले इन्वेस्टर्स को ध्यान में रखकर लिया.
शेयर बाजार के लिए कैपिटल गेन टैक्स में क्या बदला?
पहले | अब |
LTCG 2.50% | LTCG 12.50% |
STCG-15% | STCG-20 % |
लिमिट-1 लाख प्रॉफिट पर टैक्स नहीं | लिमिट-1.25 लाख प्रॉफिट पर टैक्स नहीं |
एक तो शेयर बाजार का जंजाल. ऊपर से कैपिटल गेन नाम का उलझाने वाला जटिल टैक्स सिस्टम. कैपिटल गेन टैक्स प्रॉपर्टी, शेयर बाजार, म्यूचुअल फंड से हुई कमाई पर लगता है. शेयर बाजार में इस प्रॉफिट पर भी टैक्स के दो सिस्टम हैं. शेयर खरीदकर एक साल में बेचने पर प्रॉफिट वाली रकम पर शार्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स यानी STCG लगता है. बजट में इसी वाले टैक्स को 15 से 20 परसेंट किया गया है. इसमें एक और पेंच ये है कि शेयर बेचकर प्रॉफिट कमाने वाले सज्जन किस टैक्स स्लैब में आते हैं मतलब कितने मालदार हैं उस पर टैक्स वसूलती है सरकार.
क्या है STCG और LTCG?
लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स यानी LTCG तब लगता है जब शेयर खरीदने के एक साल बाद बेचकर प्रॉफिट कमाते हैं. अगर प्रॉफिट सवा लाख तक हुआ तो कैपिटल गेन टैक्स नहीं लगेगा. पहले यही वाली लिमिट एक लाख तक थी. सवा लाख से ज्यादा प्रॉफिट काटा तो 12.50 परसेंट टैक्स लगेगा. यही वाला नियम म्यूचुअल फंड पर भी लागू होता है.
शार्ट टर्म कैपिटल गेन टैक्स (STCG) | लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन टैक्स (LTCG) |
एक साल में शेयर बेचने पर | एक साल बाद शेयर बेचने पर |
नया टैक्स-15 से बढ़कर 20% | नया टैक्स-2.50 से बढ़ाकर 12.50% |
शेयर प्रॉफिट पर टैक्स | 1.25 लाख तक प्रॉफिट टैक्स फ्री |
बचत के लिहाज से शेयर एक साल बाद बेचना ज्यादा प्रॉफिट का सौदा है. कहा भी जाता है कि शेयर बाजार में मोटा प्रॉफिट कमाने का थंब रूल ये है कि अच्छे शेयर अच्छी कीमत पर खरीदों औ लंबे समय तक होल्ड करो. इसी लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन के बढ़कर 12.50 परसेंट होने से हिल गया शेयर बाजार. कट गया बवाल. सवाल ये है कि बजट के पहले दिन तो तूफान तबाही मचाकर चला गया लेकिन आगे असर असर नहीं होगा, इसकी कोई गारंटी नहीं है.
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