Karnataka Congress Govt: आम तौर पर बड़े बहुमत से सरकार बनने के बाद राजनीति शांत रहती है, लेकिन कर्नाटक के मामले में ऐसा बिलकुल नहीं है. एमपी, राजस्थान, छत्तीसगढ में कांग्रेस की हार के बाद कर्नाटक में हलचल और तेज है. कर्नाटक में डीके शिव कुमार सीएम भले न बने हों लेकिन उनको लेकर राजनीति गर्म है. इसी गर्म राजनीति से निकला है कर्नाटक में डीके शिव कुमार जैसे और दो और डिप्टी सीएम बनाने का आइडिया.
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कर्नाटक कांग्रेस में दो कैंप माने जाते है. एक कैंप है सीएम सिद्धारमैया का है और दूसरा कैंप है डीके शिव कुमार का. सिद्धारमैया कैंप के नेता 5 जनवरी को डिनर पार्टी पर मिले. लोक निर्माण विभाग(PWD) मंत्री सतीश जारकीहोली डिनर पार्टी के होस्ट थे. मीटिंग में बुलाए गए थे गृह मंत्री जी परमेश्वर, सामाजिक कल्याण मंत्री एच सी महादेवाप्पा, खाद्य मंत्री केएच मुनियप्पा और सहकारिता मंत्री केएन राजन्ना. सीएम सिद्धारमैया और डीके शिव कुमार दोनों डिनर पार्टी में नहीं बुलाए गए थे. इनमें परमेश्वर कर्नाटक-जेडीएस सरकार में डिप्टी सीएम रह चुके हैं. वैसे ये हलचल 4 जनवरी को दिल्ली में सिद्धारमैया और डीके की हाईकमान से बैठक के बाद तेज हुई है.
डिनर पार्टी में बनी ये रणनीति
डिनर पार्टी में खाते-पीते ये फैसला हुआ कि हाईकमान से मांग की जाए कि कर्नाटक में एससी, एसटी समुदाय यानी कुल तीन डिप्टी सीएम होने जाएं. अभी सिर्फ एक डिप्टी सीएम हैं डीके शिव कुमार. एमपी, राजस्थान, छत्तीसगढ़ में हार के बाद वोटों का समीकरण बिठाने के लिहाज से दो नए डिप्टी सीएम पद बनाने की तैयारी है. केएन राजन्ना ने दो-तीन महीने पहले भी कांग्रेस हाईकमान से सामाजिक न्याय के नाम पर दो और डिप्टी सीएम की मांग की थी. सतीश जारकीहोली ने भी ऐसी मांग हाईकमान के सामने रखी हुई है. इसके पीछे की दलील ये है कि राजस्थान, एमपी, छत्तीसगढ़ में बीजेपी ने 2-2 डिप्टी सीएम बनाए हैं.
अगर बनेगे दो नए डिप्टी सीएम तब डीके का क्या
कर्नाटक में अभी सिर्फ डीके शिव कुमार डिप्टी सीएम हैं. वो भी मुश्किल से डिप्टी सीएम पर तब माने जब हाईकमान सीएम बनाने के लिए राजी नहीं हुआ. दो नए डिप्टी सीएम की मांग सरकार में उनकी हैसियत को कमजोर कर सकता है लेकिन डीके शिव कुमार ने ये कहकर मास्टरस्ट्रोक चला कि तीन डिप्टी सीएम से लोकसभा चुनाव में आसानी होगी. कुल मिलाकर कर्नाटक में दो और डिप्टी सीएम बनाने के आइडिया पर मंथन चल रहा है. ये पता नहीं कि आइडिया डीके का है और उनके कम्पीटिशन वाले प्रेशर कैंप का.
डीके शिव कुमार आजकल थोड़े प्रेशर में जरूर हैं. एक प्रेशर ये है कि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को प्रदेश की 28 सीटें जिताना है. दूसरा प्रेशर पार्टी के अंदर वाले ग्रुप का, और तीसरा प्रेशर है उनके खिलाफ चल रही केन्द्रीय एजेंसीयों की जांच के तेज होने का. डीके पहले ही ये बात कह चुके हैं कि, उनका पॉलिटिकल करियर खत्म करने की साजिश चल रही है.
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