खान सर को नॉर्मलाइजेशन के बारे में सबकुछ पता था? BPSC सचिव ने कर दिया बड़ा दावा
सोशल मीडिया पर इस बारे में भ्रम फैलने के बाद आयोग ने एक नोटिस जारी किया, जिसमें बताया गया कि नॉर्मलाइजेशन का कोई प्रस्ताव नहीं था. बीपीएससी के इस क्लैरिफिकेशन से एक दिन पहले ही प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज हुआ, जिसमें कई छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए.
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सोशल मीडिया पर इस बारे में भ्रम फैलने के बाद आयोग ने एक नोटिस जारी किया, जिसमें बताया गया कि नॉर्मलाइजेशन का कोई प्रस्ताव नहीं था. बीपीएससी के इस क्लैरिफिकेशन से एक दिन पहले ही प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज हुआ, जिसमें कई छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए.
BPSC 70वीं परीक्षा में नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया को लेकर पटना में बवाल है, दो से दिन दिनों में BPSC की परीक्षा है और इससे पहले विवाद है. सड़क पर ना सिर्फ छात्र हैं बल्कि कई शिक्षक भी BPSC में नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया को विरोध कर रहे हैं. लेकिन नॉर्मलाइजेशन की प्रक्रिया को लेकर फैल रही अफवाहों को लेकर BPSC आयोग ने स्पष्ट किया है कि ऐसी कोई प्रक्रिया कभी निर्धारित नहीं की गई थी.
सोशल मीडिया पर इस बारे में भ्रम फैलने के बाद आयोग ने एक नोटिस जारी किया, जिसमें बताया गया कि नॉर्मलाइजेशन का कोई प्रस्ताव नहीं था. बीपीएससी के इस क्लैरिफिकेशन से एक दिन पहले ही प्रदर्शन कर रहे छात्रों पर लाठीचार्ज हुआ, जिसमें कई छात्र गंभीर रूप से घायल हो गए. इस अफवाह और देर से दी गई क्लैरिटी पर द लल्लनटॉप ने बीपीएससी के सचिव सत्य प्रकाश शर्मा से बातचीत की, जिसमें यह खुलासा हुआ कि नॉर्मलाइजेशन के विरोध में छात्रों के साथ खड़े होने वाले सिलेब्रिटी शिक्षक खान सर खुद नॉर्मलाइजेशन के पक्ष में थे.
सत्य प्रकाश शर्मा ने कहा कि इस बार जो वैकेंसी आई थी बीपीएससी 70वीं परीक्षा में उसकी संख्या दो हजार से थोड़ी अधिक थी. संभावना व्यक्त की जा रही थी कि इस बार स्टूडेंट्स काफी ज्यादा हो सकते हैं. ऐसी संभावना थी कि हो सकता है 8 लाख हो जाएं या 10 लाख. इसी के आधार पर चेयरमैन सर ने एक मीटिंग बुलाई थी. नॉर्मलाईजेशन ही कराना है, ऐसा कुछ फिक्स नहीं था.
यह सिर्फ एक डिस्कशन का पार्ट था कि यदि संभावना बनती है कि संख्या बहुत अधिक हो जाए तो हो सकता है कि नॉर्मलाइजेशन की आवश्यकता पड़े. इसपर कोई निर्णय नहीं लिया गया था'. छात्रों की संख्या बहुत ज्यादा नहीं थी तो आवश्यकता नहीं लगी इसलिए नॉर्मलाइजेशन लागू नहीं हुआ. इसलिए मीटिंग की जरूरत भी महसूस नहीं हुई. अगर ऐसा करना होता तो हम लोग नोटिस निकाल देते.
जब आयोग देख रहा था कि छात्र आंदोलन कर रहे हैं कि उन्होंने कॉल भी दे रखी थी 6 तारीख की. पुलिस और सबको जानकारी थी. छह तारीख की शाम को आयोग ने कहा कि नॉर्मलाइजेशन मुद्दा नहीं है. अगर एक दिन पहले कर देते तो शायद बच्चों पर लाठीचार्ज ना होता. सचिव ने बताया कि नोटिस जारी करने से पहले एक दिन पहले पेपर में आ गया था कि नॉ़र्मलाइजेशन नही है. बातचीत का पूरा अंश वीडियो में देखिए और समझिए पूरा मामला...
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