दिल्ली में फिर से वाहनों के लिए ऑड-ईवन और वर्क फ्रॉम होम पर आतिशी सरकार का जोर? जानें क्या है पूरा प्लान

बृजेश उपाध्याय

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तस्वीर: गोपाल राय के सोशल मीडिया X से.
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प्रदूषण ज्यादा बढ़ने पर ऑड-ईवन और कृत्रिम वर्षा कराई जा सकती है.

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दिल्ली सरकार का दावा- वायु प्रदूषण में 34.6 फीसद की आई कमी.

दिल्ली की सर्दी को इस बार प्रदूषण रहित करने के लिए नई आतिशी सरकार ने अभी से कमर कस ली है. दिल्ली सरकार में पर्यावरण मंत्री मंत्री गोपाल राय ने बुधवार को प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए 21 सूत्रीय विंटर एक्शन प्लान का ऐलान कर दिया. दिल्ली सरकार का कहना है कि वे इसे सख्ती से लागू करेगी. इस प्लान में फिर वाहनों के लिए ऑड-ईवन लागू होने की बात कही गई है. साथ ही ऑफिसेज में काम करने वालों के लिए वर्क फ्रॉम होम मोड को प्रोत्साहन देने की भी बात है. ज्यादा प्रदूषण बढ़ने पर कृत्रिम बारिश भी कराई जा सकती है. 

पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने बताया कि पिछले वर्षों में दिल्लीवासियों और संबंधित विभागों की मेहनत से प्रदूषण के स्तर में लगभग 34.6 फीसद की कमी आई है.  उन्होंने बताया कि इस बार भी विंटर एक्शन प्लान के तहत दिल्ली में हॉट स्पॉट के प्रदूषण की निगरानी पहली बार ड्रोन से करने की तैयारी है. प्रदूषण की निगरानी और उसे रोकने के लिए 6 सदस्यीय स्पेशल टास्क फोर्स का गठन किया गया है.

ऑड-ईवन और कृत्रिम बारिश भी

गोपाल राय ने कहा कि आपातकालीन उपाय के रूप में ऑड-ईवन और कृत्रिम वर्षा को फोकस में रखा गया है. प्रदूषण बढ़ने पर सख्ती से ग्रैप (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान) लागू किया जाएगा. केंद्र सरकार और पड़ोसी राज्यों के साथ मिलकर काम किया जाएगा. इस बार दिल्ली के 5,000 एकड़ से अधिक खेतों में बायो डी-कंपोजरत का निशुल्क छिड़काव होगा. निर्माण साइटों पर कड़ी निगरानी रखी जाएगी. खुले में कचरा नहीं जलने दिया जाएगा. 

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गोपाल राय ने कहा कि पिछले कुछ सालों में प्रदूषण के स्तर में काफी कमी आई है. दिल्ली सरकार के 10 ऐतिहासिक प्रयासों के कारण प्रदूषण के स्तर में 34.6 फीसद की कमी आई है. 2016 में जहां 243 दिन प्रदूषण के थे, वहीं 2023 में यह घटकर 159 दिन रह गए हैं.वर्ष 2013 में दिल्ली का हरित क्षेत्र 20 फीसद था, जो 2021 में बढ़कर 23.06 फीसद हो गया है. देश के बड़े शहरों में आज सबसे ज्यादा ग्रीन कवर दिल्ली में है.  

बिजली कटने पर पहले चलते थे जेनरेटर- गोपाल राय

मंत्री गोपाल राय ने आगे कहा- आज दिल्ली देश का अकेला ऐसा शहर है जहां कोयला आधारित कोई थर्मल पावर प्लांट नहीं है. पहले दिल्ली में बिजली कटौती के बाद लोगों को जेनरेटर चलाने पड़ते थे, लेकिन अब 24 घंटे बिजली है.दिल्ली में 1959 पंजीकृत औद्योगिक इकाइयां हैं, जिन्हें अब प्रदूषण फैलाने वाले ईंधन से हटाकर पाइप नेचुरल गैस पर शिफ्ट कर दिया गया है. फिलहाल दिल्ली में 7545 बसें चल रही हैं, जिनमें से 1975 इलेक्ट्रिक बसें हैं. अब तक दिल्ली में 3,21,132 ई-वाहन पंजीकृत हो चुके हैं.

दिल्ली सरकार के ये हैं 21 सूत्रीय प्लान

  • हॉट स्पॉट की ड्रोन से निगरानी
  • स्पेशल टास्क फोर्स का गठन (इसमें पर्यावरण, परिवहन, राजस्व, पीडब्लूडी, एमसीडी और ट्रैफिक पुलिस शामिल)
  • धूल प्रदूषण पर कंट्रोल
  • हरित रत्न अवार्ड (जो निर्माण कार्य एजेंसी पर्यावरण नियमों का पालन करते हुए अच्छा काम करेगी, उसे ‘हरित रत्न अवार्ड’)
  • मोबाईल एंटी स्मॉग गन  (3 शिफ्ट में मोबाइल एंटी स्मॉग गन की तैनाती)
  • जन भागीदारी अभियान 
  • वाहन प्रदूषण का नियंत्रण (10 साल पुराने डीजल और 15 साल पुराने पेट्रोल वाहनों पर प्रतिबंध के अनुपालन के लिए 360 टीमों का गठन )
  • पराली के प्रदूषण की रोकथाम
  • ग्रीन वॉर रूम और ग्रीन दिल्ली एप
  • औद्योगिक प्रदूषण का नियंत्रण
  • हरित क्षेत्र को बढ़ाना
  • रियल टाइम सोर्स अपोरशंमेंट स्टडी
  • ई-वेस्ट इको पार्क का विकास
  • पटाखों पर प्रतिबंध
  • ग्रेप का क्रियान्वयन
  • खुले में कूड़ा जलाने पर रोकथाम
  • वर्क फ्राम होम को प्रोत्साहन देना
  • स्वैच्छिक वाहन प्रतिबंध
  • ऑड-ईवन की तैयारी
  • भारत सरकार और एनसीआर के राज्यों के साथ संवाद
  • कृत्रिम वर्षा

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