Google चलाने वालों सावधान! Incognito Mode से चोरी हो रहा है आपका पर्सनल Data
Google Incognito Mode: 2020 में कैलिफोर्निया के फेडरल कोर्ट में एक मामला दर्ज किया गया था. इसमें गूगल पर आरोप लगाए गए थे कि वह Incognito Mode में भी यूजर्स की एक्टिविटी को ट्रैक करता है और उनका डेटा सेव करता है. हालांकि, पहले गूगल ने इन आरोपों से इनकार किया था. लेकिन बाद में कोर्ट में गूगल ने इस बात को स्वीकार किया है.
ADVERTISEMENT
Google Chrome दुनियाभर में इंटरनेट सर्फिंग के लिए सबसे पॉपुलर ब्राउजर्स में से एक है. ये अपने यूजर्स को Incognito Mode की सुविधा देता है. इस मोड को बनाने के पीछे वजह थी कि इसमें यूजर्स की सर्च हिस्ट्री को सेफ रखा जाएगा और पूरी प्राइवेसी दी जाएगी. यानि की इसमें कुछ भी सर्च करने पर उसकी हिस्ट्री नहीं बनेगी. हालांकि इसको लेकर एक बड़ा खुलासा हुआ है. खुलासे में साबित हो गया है कि Incognito Mode उतना सेफ नहीं है जितना इसको समझा जाता है.
गूगल ने स्वीकारी डेटा रिकॉर्डिंग की बात
2020 में कैलिफोर्निया के फेडरल कोर्ट में एक मामला दर्ज किया गया था. इसमें गूगल पर आरोप लगाए गए थे कि वह Incognito Mode में भी यूजर्स की एक्टिविटी को ट्रैक करता है और उनका डेटा सेव करता है. हालांकि, पहले गूगल ने इन आरोपों से इनकार किया था. लेकिन बाद में कोर्ट में गूगल ने इस बात को स्वीकार किया है. गूगल ने माना है कि उसने यूजर्स का डेटा रिकॉर्ड किया था. इस पूरे मामले ने यूजर्स की प्राइवेसी को लेकर बड़ी चिंता पैदा कर दी.
5 अरब डॉलर का हर्जाना या 5000 डॉलर प्रति यूजर?
मुकदमे में गूगल को दो ऑप्शन दिए गए; या तो कंपनी 5 अरब डॉलर (लगभग 45,000 करोड़ रुपए) का जुर्माना भरे या हर यूजर को 5000 डॉलर (लगभग 4 लाख रुपए) का मुआवजा दे. यह गूगल के लिए एक बड़ी चुनौती बन गया. खासकर तब जब यह खुलासा हुआ कि Incognito Mode को यूज कर रहे लाखों यूजर्स का डेटा रिकॉर्ड किया जा रहा था.
ADVERTISEMENT
यह भी पढ़ें...
गूगल की सफाई और डेटा खत्म करने का वादा
मामले के सामने आने के बाद गूगल ने ब्राउजर की शर्तों में एक छोटी लाइन जोड़ दी: "Others who use this device won't see your activity, so you can browse more privately" यानी इस डिवाइस का इस्तेमाल करने वाले दूसरे लोग आपकी एक्टिविटी नहीं देख पाएंगे. इसके बाद गूगल ने कोर्ट में ये भी कहा की कि वह अपने Incognito Mode यूजर्स के डेटा को खत्म कर देगा.
प्राइवेसी पर सवाल
अब इस खुलासे के बाद यूजर्स के सामने एक बड़ा सवाल खड़ा हो गया है. क्या Incognito Mode वाकई पूरी तरह से सुरक्षित है? हालांकि, गूगल द्वारा डेटा नष्ट किए जाने की बात से कुछ राहत मिल सकती है, लेकिन यह घटना बताती है कि इंटरनेट पर प्राइवेसी के दावों पर आंख मूंदकर विश्वास करना सही नहीं है.
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT