NDTV के पूर्व डायरेक्टर प्रणय रॉय और उनकी पत्नी के खिलाफ सबूत नहीं मिले, केस बंद

बृजेश उपाध्याय

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तस्वीर: इंडिया टुडे.
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न्यूज़ हाइलाइट्स

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वर्ष 2017 में संजय दत्त नाम के व्यक्ति ने दर्ज कराया था केस.

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मामले में CBI ने विशेष अदालत में दाखिल की क्लोजर रिपोर्ट.

एनडीटीवी (New Delhi Television Ltd) के पूर्व निदेशकों और प्रमोटर्स के खिलाफ धोखाधड़ी के मामले में सीबीआई ने क्लोजर रिपोर्ट दाखिल कर दी है. सीबीआई ने सबूतों के अभाव में ये क्लोजर रिपोर्ट विशेष अदालत में दाखिल की है. इससे एनडीटीवी के पूर्व प्रवर्तकों-निदेशकों प्रणय रॉय और उनकी पत्नी राधिका रॉय को बड़ी राहत मिली है. हालांकि अब अदालत तय करेगी कि इसे स्वीकार किया जाए या एजेंसी को अपनी जांच जारी रखने के लिए निर्देश दिए जाएं.   

प्रणय रॉय और उनकी पत्नी पर ICICI बैंक को जानबूझकर 48 करोड़ रुपये से अधिक का नुकसान पहुंचाने का आरोप था. हालांकि सीबीआई को 2009 में एक कर्ज के निपटान के मामले में आईसीआईसीआई बैंक को हुए 48 करोड़ रुपये के नुकसान के संबंध में कोई पुख्ता सबूत नहीं मिले. 

ये है वो मामला 

वर्ष 2017 में क्वांटम सिक्योरिटीज लिमिटेड के संजय दत्त नाम के व्यक्ति ने एनडीटीवी के डायरेक्टर्स और प्रमोटर्स के खिलाफ धोखाधड़ी का केस दर्ज कराया था. इसमें आरोप था कि रॉय से जुड़ी RRP होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के लिए लोन लिया गया, जिसे चुकाया नहीं था. एफआईआर के मुताबिक RRP होल्डिंग्स प्राइवेट लिमिटेड ने सार्वजनिक खुली पेशकश के जरिए एनडीटीवी में 20 फीसदी की हिस्सेदारी हासिल करने के लिए इंडिया बुल्स प्राइवेट लिमिटेड से 500 करोड़ रुपये का कर्ज लिया था. RRP होल्डिंग्स ने इंडिया बुल्स का कर्ज चुकाने के लिए आईसीआईसीआई बैंक से 19 फीसदी प्रति वर्ष की ब्याज दर पर 375 करोड़ रुपये का कर्ज (जिसमें से 350 करोड़ रुपये दिये गए) लिया था.

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ये लगे थे आरोप 

शिकायत में आरोप लगाया गया कि रॉय दंपति ने सेबी, शेयर बाजार या सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय को बिना बताए इस कर्ज के लिए अपनी पूरी शेयरधारिता गिरवी रख दी. साल 2022 में अदाणी समूह ने एनडीटीवी में नियंत्रण हिस्सेदारी हासिल कर ली. अदाणी समूह ने एनडीटीवी के अल्पमत शेयरधारकों को जो भुगतान किया उससे करीब 17 फीसदी अधिक दाम पर रॉय परिवार से शेयर खरीदा.

आरोपों को झूठा करार दे चुकी है कंपनी

जांच के दौरान 5 जून 2017 को एनडीटीवी ने कहा था कि ICICI बैंक से लिया गया 375 करोड़ रुपये का कर्ज सात साल पहले ही चुका दिया गया था. कंपनी ने तब कहा था कि गिरवी रखे गए शेयरों की जानकारी सेबी को न देने का आरोप भी गलत है. कंपनी ने ये भी कहा कि एनडीटीवी और उसके प्रवर्तकों ने कभी भी आईसीआईसीआई या किसी दूसरे बैंक से लिए गए किसी भी कर्ज पर चूक नहीं की है.

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इनपुट: PTI (भाषा)

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