पांडियन की पॉलिटिक्स में फंसी IAS पत्नी सुजाता, चुनाव आयोग ने लिए एक्शन जानिए क्या है पूरा मामला  

रूपक प्रियदर्शी

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Odisha Politics: ओडिशा के चुनाव में चुनाव आयोग(ECI) ने बड़ा खेल कर दिया है. प्रदेश के सबसे ताकतवर ब्यूरोक्रैट रहे और अब नवीन पटनायक की पार्टी बीजेडी के नंबर 2 नेता वीके पांडियन की पत्नी सुजाता राउत कार्तिकेयन पर ECI की गाज गिरी है. सुजाता पर बीजू जनता दल(बीजेडी) की एजेंट होने का आरोप लगा है. आरोप ये है कि, सुजाता 'मिशन शक्ति विभाग' के सचिव पद का इस्तेमाल बीजेडी के पक्ष में वोटरों को प्रभावित करने का काम कर रही थीं. चुनाव शुरू होने के बाद किसी अफसर का ऐसा बर्ताव सर्विस रुल के सख्त खिलाफ माना जाता है. चुनाव आयोग ने सुजाता कार्तिकेयन को मिशन शक्ति विभाग से हटाकर ऐसे विभाग में ट्रांसफर करने का आदेश जारी है जिसकी कोई पब्लिक डीलिंग न हो. मतलब सुजाता पांडियन की पोस्टिग ऐसे पद पर होगी जिसका जनता से मेलजोल न के बराबर होगा. 

सुजाता को इतनी बड़ी पनिशमेंट ड्यूटी में ढिलाई के साथ-साथ पांडियन की पत्नी होने के कारण मिली. सुजाता के खिलाफ शिकायत करने वाले बीजेपी के बड़े हाईप्रोफाइल नेताओं जिनमें वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन, केंद्रीय आईटी मंत्री राजीव चंद्रशेखर, बीजेपी प्रवक्ता सुधांशु त्रिवेदी शामिल हैं ने आरोप लगाया कि, सुजाता पांडियन ने प्रोफेशनिज्म छोड़ दिया और बीजेडी एजेंट की तरह पति के साथ काम कर रही हैं. 

अब जानिए क्या है 'मिशन शक्ति' जिसकी वजह से सुजाता पर गिरी गाज 

'मिशन शक्ति' ओडिशा के सीएम नवीन पटनायक का फेवरेट प्रोजेक्ट है. इसके तहत सरकार ने 6 लाख से ज्यादा स्वयं सहायता समूहों (SHG) बनाया है जिसमें लगभग 70 लाख महिलाएं शामिल है. 2001 में शुरू किए गए इस कार्यक्रम के तहत ओडिशा सरकार इन SHG को विभिन्न आजीविका गतिविधियों के लिए बैंक लोन दिलाती है. 2019 के चुनाव के बाद मिशन शक्ति ने महिलाओं को एक हजार करोड़ के लोन दिलाए. ग्रामीण महिलाओं पर मिशन शक्ति का सीधा असर है. वही महिलाएं बीजेडी की वफादार वोट बैंक मानी जाती हैं. सुजाता पर यही आरोप लगा कि, मिशन शक्ति वाले का वो दुरुपयोग करके बीजेडी के लिए वोटों का इंतजाम करने में लगी थी. 

अब वीके पांडियन की कहानी भी जान लीजिए 

तमिलनाडु के रहने वाले वीके पांडियन जब आईएएस बने तब उनको पंजाब कैडर अलॉट हुआ था. उन्होंने अप्लाई करके अपना कैडर बदलवाकर ओडिशा कराया था. इसका भी कनेक्शन पत्नी सुजाता पांडियन से था. पांडियन की पत्नी सुजाता भी आईएएस अफसर हैं. दोनों ने एक ही साल सिविल सर्विसेज क्वालिफाई करके आईएएस ज्वाइन किया था. सुजाता को ओडिशा कैडर मिला था. पांडियन को पंजाब कैडर मिला. पत्नी के कैडर के आधार पर उन्होंने कैडर चेंज करा लिया. तब से पति-पत्नी मिलकर ओडिशा चला रहे हैं.

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आईएएस रहते हुए पांडियन 12 साल तक सीएम नवीन पटनायक की ड्यूटी में थे. नवीन पटनायक से लगाव के कारण ही उन्होंने सिर्फ 23 साल की सर्विस के बाद वीआरएस ले लिया और नवीन पटनायक की पार्टी ज्वाइन कर ली. पांडियन की पॉलिटिक्स ज्वाइन करना ही सुजाता पांडियन के लिए नेगेटिव बन रहा है. 

बीजेपी ने पांडियन की पत्नी को तो शांत करा दिया है लेकिन वीके पांडियन को रोकने का उसके पास कोई हथियार नहीं है. चुनाव से पहले ओडिशा के हालात बदलने के लिए नवीन पटनायक ने 5T प्रोजेक्ट शुरू किया था. पहले आईएएस की हैसियत से पांडियन प्रोजेक्ट चलाते थे फिर जब नौकरी छोड़ी तो नवीन बाबू ने कैबिनेट रैंक देकर 5T का चेयरमैन बना दिया. पांडियन खुद तो चुनाव नहीं लड़ रहे लेकिन नवीन पटनायक को चुनाव जीताने के लिए दिन-रात एक किए हुए हैं. सरकार की ब्यूरोक्रेसी से लेकर 5T और आईएएस पत्नी की भी पूरी मशीनरी की मदद से दमखम दिखा रहे हैं. 

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