झारखंड की 14 सीटों पर NDA और INDIA में से कौन पड़ेगा भारी? जानिए एक्सपर्ट्स की राय और ओपिनियन पोल?

अभिषेक

03 Feb 2024 (अपडेटेड: Feb 3 2024 1:57 PM)

वरिष्ठ पत्रकार शम्भूनाथ चौधरी कहते हैं कि,बीजेपी प्रदेश की एक-एक सीट वाइज अपनी रणनीति पर काम करते नजर आ रही है. पार्टी इस बार प्रदेश की 14 सीटों पर क्लीन स्वीप करने की तैयारी में है.

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Lok Sabha Election 2024: लोकसभा चुनाव 2024 का काउंटडाउन चल रहा है, अब की बार कैसा है चुनावी माहौल? इसी को लेकर हम न्यूज तक पर लेकर आया हैं एक स्पेशल सीरीज ‘देश किसका?’ सीरीज के इस स्टोरी में हमने झारखंड की 14 लोकसभा सीटों का एनालिसिस किया हैं. इसमें हमने राज्य की सियासत पर अच्छी-खासी पकड़ रखने वाले एक्सपर्ट और वरिष्ठ पत्रकारों से प्रदेश की सियासत पर बात की है. आइए आपको बताते हैं क्या है झारखंड के सियासी एक्सपर्टस की राय और इस बार प्रदेश की सियासत में किसके पक्ष में बन रहा है माहौल.

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पहले झारखंड के वरिष्ठ पत्रकारों की राय जान लीजिए

वरिष्ठ पत्रकार शम्भूनाथ चौधरी कहते हैं कि, झारखंड में आदिवासी नैरेटिव की सियासत चल रही है. हाल के कुछ दिनों में बीजेपी का फोकस भी आदिवासी सीटों पर बढ़ा है. इसके लिए बीजेपी का सबसे बड़ा कदम आदिवासी नेता बाबूलाल मरांडी की पार्टी का बीजेपी में विलय है, जिससे आदिवासियों में धाक जमाई जा सके. अगर लोकसभा चुनाव की बात करें, तो बीजेपी अपनी तैयारियों में निश्चित रूप से आगे दिखाई देती है. पार्टी एक-एक सीट वाइज अपनी रणनीति पर काम करते नजर आ रही है. बीजेपी इस बार प्रदेश की 14 सीटों पर क्लीन स्वीप करने की तैयारी में है.

सुरेन्द्र सोरेन का मानना हैं कि, राष्ट्रीय स्तर पर बने INDIA अलायंस अगर प्रदेश स्तर पर भी कामयाब होता है तो झारखंड मुक्ति मोर्चा के साथ विपक्षी पार्टीयां बीजेपी से मजबूत स्थिति में नजर आती है. हालांकि प्रदेश में लोकसभा चुनाव के बाद विधानसभा चुनाव भी होने वाले है तो मुझे ये लगता है कि, झारखंड में चुनाव स्थानीय मुद्दे पर होगा और जो भी पार्टियां ऐसा करेंगी उन्हें फायदा मिलेगा.

राजेश कुमार सिंह कहते हैं कि, NDA और INDIA दोनों का फोकस ट्राइबल वोटों पर है. बाबूलाल मरांडी के साथ बीजेपी बहुत ऐक्टिव नजर आ रही है, जिसका प्रभाव हमें चुनाव परिणाम में देखने को मिलेगा.

पिछले चुनाव के ये थे परिणाम

2019 में हुए लोकसभा चुनाव की बात करें, तो बीजेपी ने प्रदेश की 14 सीटों में से सर्वाधिक 11 सीटें जीती थी. वहीं कांग्रेस, JMM और आजसू तीनों पार्टियों को 1-1 सीटें मिली थी. वहीं वोट शेयर की बात की जाए, तो बीजेपी का वोट शेयर 51 फीसदी, कांग्रेस का 16, JMM का 12 और आजसू का 4 फीसदी रहा था.

2019 में हुए विधानसभा चुनाव के नतीजे भी जान लीजिए

झारखंड में हुए पिछले विधानसभा चुनाव में हेमंत सोरेन की पार्टी झारखंड मुक्ति मोर्चा को प्रदेश की 81 सीटों में से 37 फीसदी वोट शेयर के साथ सर्वाधिक 30 सीटें मिली थी. बीजेपी को 34 फीसदी वोट शेयर के साथ 25 सीटें तो वहीं कांग्रेस को भी 33 फीसदी वोट मिले लेकिन पार्टी मात्र 16 सीटें जीतने में कामयाब हो पाई थी.

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