Maharashtra News : 2 मासूमों का शव कंधे पर लेकर रोते हुए कीचड़ में 15 KM चलने को मजबूर क्यों हुए माता-पिता

News Tak Desk

05 Sep 2024 (अपडेटेड: Sep 6 2024 9:09 AM)

महाराष्ट्र के गढ़चिरौली के ये तस्वीर बहुत चिंताजनक है. अपने दो बच्चों के शव कंधे पर रखकर अस्पताल में घर जाने को मजबूर हुए इस कपल की कहानी सोचने पर मजबूर कर देगी.

तस्वीर: न्यूज तक.

तस्वीर: न्यूज तक.

follow google news

न्यूज़ हाइलाइट्स

point

ये वीडियो (Video) सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है.

point

लोग सिस्टम और सरकार के प्रति आगबबूला होकर रिएक्शन दे रहे हैं.

महाराष्ट्र (Maharshtra news) के गढ़चिरौली (gadchiroli Video) जिले के अहेरी तहसील से एक हृदय विदारक वीडियो सामने आया है. इसमें पति-पत्नी अपने दो बच्चों का शव कंधे पर लेकर रोते-बिलखते जा रहे हैं. कहीं कीचड़ तो कहीं झाड़ियों को पार करता हुआ ये बेबस कपल कंधे पर वो बोझ उठाए हुए हैं जो दुनिया का सबसे भारी बोझ कहा जाता है. ये कपल दोनों बच्चों के शव को लेकर अस्पताल से 15 किमी दूर अपने घर जा रहा है. 

यह भी पढ़ें...

ये वीडियो (Video) सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रहा है और लोग सिस्टम और सरकार के प्रति आगबबूला होकर रिएक्शन दे रहे हैं. एक यूजर कह रहा है सरकार और प्रशासन के लिए इससे शर्मनाक कुछ भी नहीं हो सकता. तो एक यूजर कह रहा है- सड़ चुका है सिस्टम. एक दूसरा यूजर कह रहा है- ये नए भारत की तस्वीर है जो काफी भयावह है. 

क्या है पूरा मामला?

दरअसल जिस पति-पत्नी ने अपने बच्चों का शव कंधे पर रखा है वो गढ़चिरौली जिले के अहेरी तहसील के पत्तीगांव के हैं. वेलादी दंपत्ति के एक बेटे  बाजीराव रमेश वेलादी (6 साल) को 4 सितंबर को बुखार आया. बाद में दूसरे बेटे दिनेश रमेश वेलादी (3.5 साल) को भी बुखार आ गया. माता-पिता गांव के ही एक पुजारी के पास बच्चों को ले गए. वहां झाड़-फूंक के साथ जड़ी-बूटियां दी गईं. बाद में दोनों की हालत बिगड़ गई. पहले बाजीराव फिर दिनेश ने दम तोड़ दिया. 

सड़क नहीं होने से पैदल बच्चों को लेकर पहुंचे अस्पताल

चूंकि पत्तीगांव से जिमलगट्टा स्वास्थ्य केंद्र के बीच सड़क नहीं है. ऐसे में ये दंपति बच्चों को कंधे पर लेकर पैदल ही कीचड़ और नाले पार करता हुआ स्वास्थ्य केंद्र पहुंचा. वहां डॉक्टरों ने जांच की और दोनों को मृत घोषित कर दिया. स्वास्थ्य केंद्र में कोई एम्बुलेंस नहीं थी. 

एंबुलेंस मंगाने की तैयारी थी पर दंपति ने मदद लेने से किया इनकार?

बताया जा रहा है कि देचलीपेठा से एम्बुलेंस बुलाने की तैयारी की गई, लेकिन दोनों बच्चों को खो चुके वेलादी दंपति ने मदद लेने से इनकार कर दिया . दोनों शवो को अपने कंधों पर लादकर वे पत्तीगांव चल पड़े. चूंकि नालियों और कीचड़ भरी सड़क के कारण यहां से वाहन नहीं निकल पाते थे, इसलिए दंपति ने पैदल जाना ही मुनासिब समझा.  

जिम्मेदारों का ये कहना है

गढ़चिरौली के जिला स्वास्थ्य अधिकारी प्रताप शिंदे ने कहा- 'दो छोटे भाई की मौत की सूचना सत्य है. हालांकि, मौत का सही कारण स्पष्ट नहीं है. इन बच्चों को पहले पुजारी के पास ले जाया गया. स्वास्थ्य केंद्र पहुंचने से पहले ही उसकी मौत हो चुकी थी. एंबुलेंस लाने का प्रयास किया, लेकिन परिजन नहीं माने. मामले की जांच कर रिपोर्ट मांगी जायेगी.'

गढ़चिरौली के पालक मंत्री हैं डिप्टी सीएम फडणवीस 

गढ़चिरौली जिले में यह मामला नया नहीं है. इसके पहले भामरागड़, एटापल्ली और अहेरी तहसील के दूरदराज के गांव में ऐसे मामले सामने आये थे. इन तहसील के ग्रामीण इलाकों में स्वास्थ्य सुविधा नदारद है. कहीं डॉक्टर नहीं तो कहीं एंबुलेंस नहीं. ग्रामीण इलाकों में सड़कें नहीं है. ध्यान देने वाली बात है कि राज्य के उपमुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जिले के पालक मंत्री हैं.

स्टोरी : व्यंकटेश डूडामवार

यह भी पढ़ें :

Trending : फ्लाइट में यात्री ने की HINDI में अनाउंस करने की डिमांड, Video वायरल हुआ तो आए गजब के कमेंट
 

    follow google newsfollow whatsapp