Jabalpur blackmail scandal: मध्यप्रदेश के जबलपुर में हुए ब्लैकमेल कांड ने पूरे देश को हिला दिया है. सोशल मीडिया पर गर्ल्स कॉलेज छात्राओं के अश्लील वीडियो और फोटो वायरल करने की धमकी देकर 70 लड़कियों को ब्लैकमेल किया गया है. इस घटना ने 1992 में हुए अजमेर ब्लैकमेल-रेप कांड की याद दिला दी.
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जबलपुर के एक सरकारी गर्ल्स कॉलेज में छात्राओं के अश्लील वीडियो कांड से हड़कंप मच गया है. एक के बाद एक कई छात्राओं को फोन कॉल के जरिए ब्लैकमेल किया जा रहा है. अनजान नंबरों से आने वाले इन फोन कॉल के जरिए ब्लैकमेलर छात्राओं को उनके आपत्तिजनक फोटो और वीडियो वायरल करने की धमकियां दे रहा है. छात्राओं के मोबाइल पर ब्लैकमेलर के द्वारा अश्लील वीडियो और फोटो भी लगातार भेजे जा रहे हैं.
पिछले करीब एक हफ्ते से छात्राओं को धमकी और ब्लैकमेल करने का सिलसिला लगातार चल रहा है. अपनी तरह के हैरान और चौंका देने वाले इस मामले का खुलासा तब हुआ जब कई छात्राओं ने अपने साथियों से अपनी आपबीती बयां की. खबर छात्र संगठनों तक पहुंची और पूरे मामले का भंडाफोड़ हो गया. सबसे हैरान कर देने वाली बात तो यह है कि शासकीय मानकुंवर बाई गर्ल्स कॉलेज की 70 छात्राओं को अश्लील वीडियो और फोटो भेजे जाने का खुलासा हुआ है जिनमें से अब तक 50 से ज्यादा छात्राओं के द्वारा ब्लैकमेलर को पैसे देने की भी बातें सामने आ रही है.
अजमेर कांड जैसा ही है जबलपुर ब्लैकमेल कांंड
1992 में अजमेर में इसी तरह का मामला सामने आया था. अजमेर ब्लैकमेल कांड में स्कूल-कॉलेज की 300 से ज्यादा लड़कियों का यौन शोषण किया गया था. जिसका आरोप शहर के सबसे रईस और ताकतवर खानदानों में से एक चिश्ती परिवार के नफीस चिश्ती और फारुक चिश्ती पर लगा था. तब तो इंटरनेट की शुरूआत भर थी और सोशल मीडिया तब नहीं था. उस दौर में भी इतने बड़े पैमाने पर लड़कियों के अश्लील फोटो निकालकर उन्हें लंबे समय तक ब्लैकमेल किया गया और उनके साथ सामूहिक बलात्कार हुए थे. जिसके बाद एक दर्जन से अधिक आरोपियों को कोर्ट ने लंबी चली सुनवाई के बाद उम्रकैद की सजा सुनाई थी.
जबलपुर साइबर सेल कर रही पूरे मामले की जांच
हालांकि इस पूरे मामले की शिकायत जबलपुर के साइबर सेल में करने के साथ ही पुलिस में भी लिखित आवेदन दिया गया है. जिसमें शुरुआती दौर में दो छात्राओं के द्वारा ब्लैकमेलर को पैसे देने की बातें सामने आई है. इसी मामले को लेकर आज अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद से जुड़े छात्राओं ने शासकीय मानकुंवर बाई महिला महाविद्यालय पहुंचकर प्रदर्शन किया और कॉलेज प्रशासन पर इस मामले में कड़े कदम उठाए जाने की मांग की.
टेलीग्राम एप के जरिए छात्राओं के नंबर हुए लीक
छात्राओं के नंबर ब्लैकमेलर तक कैसे पहुंचे इस बात को लेकर भी हर कोई हैरत में है. कॉलेज की प्रिंसिपल का कहना है कि कॉलेज की सूचनाओं और सर्कुलर छात्राओं तक पहुंचाने के लिए टेलीग्राम जैसे एप का सहारा लिया जाता है. ऐसे में यह अंदेशा भी जताया जा रहा है कि टेलीग्राम एप के जरिए ही छात्राओं के नंबर बाहर लीक हो रहे हैं. मानकुंवर बाई महिला महाविद्यालय की छात्राओं का कहना है कि कई छात्राओं ने ब्लैकमेलर के झांसे में आकर हजारों की रकम भी उन्हें ट्रांसफर कर दी है. कुछ छात्राओं का यह भी कहना है कि ब्लैकमेर के द्वारा पुलिस अफ़सर बनकर छात्राओं को फोन किया जा रहा है. फिलहाल जबलपुर पुलिस के अलावा साइबर सेल भी इस पूरे मामले की गहराई से पड़ताल करने में जुट गई है.
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